Monday, March 23, 2009

सोशल इंजीनियरिंग

उत्तर प्रदेश की जनता से खास अपील के साथ बसपा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। पार्टी के टिकट बंटवारे में सोशल इंजीनियरिंग केसाथ-साथ राजनीतिक आक्रामकता तथा विरोधियों की चित करने के दांव-पेंच भी नजर आते हैं। बसपा ने दूसरे दलों के आये दिग्गजों को भी चुनावी अखाड़े में उतारा है। मायावती ने बताया कि देश में कितनी सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी, इसका खुलासा चार-पांच दिनों में कर दिया जायेगा। सूची से स्पष्ट है कि ब्राह्मण समाज को सबसे ज्यादा 20 सीटें, जबकि मुस्लिमों को 14, अन्य पिछड़े वर्ग को 19 व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों को 17 सीटें मिली हैं। क्षत्रिय समाज के हिस्से में छह, वैश्यों के तीन तथा सिख समाज के हिस्से एक सीट आयी है। अन्य पिछड़ा वर्ग में चार यादव हैं तथा दो गूजर भी हैं। जाट समाज के तीन लोगों को टिकट दिया गया है। कायस्थ समाज फिलहाल एक भी सीट नहीं मिली। उम्मीदवारों के चयन में सबसे खास बात यह कि दूसरे दलों को छोड़कर आने वाले अथवा अपने दलों का बसपा में विलय करने वाले 34 लोगों को टिकट दिया गया है। पूर्व में आजमगढ़ से घोषित मलिक मसूद तथा सीतापुर से घोषित बुनियाद हुसैन अंसारी को बदलकर उनके स्थान पर क्रमश : अकबर अहमद डम्पी तथा श्रीमती कैसर जहां को मैदान में उतारा गया है। दूसरी पार्टियां छोड़कर आने वाले जिन लोगों पर पार्टी ने दांव लगाया है, वे हैं

डॉ. अखिलेश दास (लखनऊ),

जगदीश सिंह राणा (सहारनपुर),

स्व. मुनव्वर हसन की पत्नी श्रीमती तबस्सुम बेगम (कैराना),

कादिर राणा (मुजफ्फरनगर),

शाहिद सिद्दीकी (बिजनौर),

राजीव चन्ना (मुरादाबाद),

घनश्याम सिंह लोधी (रामपुर),

शफीकुर्रहमान बर्क (संभल),

मौदूद मदनी (अमरोहा),

सुरेन्द्र सिंह नागर (गौतमबुद्धनगर),

श्यामसुन्दर शर्मा (मथुरा),

एसपी सिंह बघेल (फिरोजाबाद),

देवेन्द्र सिंह यादव (एटा),

डीपी यादव (बदायूं),

कुंवर सर्वराज सिंह (आंवला),

इस्लाम साबिर अंसारी (बरेली),

अरुण शंकर शुक्ल अन्ना (उन्नाव),

जय प्रकाश रावत (मोहनलालगंज),

शिवाकांत ओझा (प्रतापगढ़),

नरेश अग्रवाल (फर्रुखाबाद),

गौरीशंकर(इटावा),

महेश चन्द्र वर्मा (कन्नौज),

सुखदा मिश्रा (कानपुर),

कपिलमुनि करवरिया (फूलपुर),

अशोक कुमार वाजपेयी (इलाहाबाद),

राकेश पाण्डेय (अम्बेडकर नगर),

सुरेन्द्रनाथ अवस्थी उर्फ पुत्तू अवस्थी (कैसरगंज),

कीर्ति वर्धन सिंह (गोंडा),

गणेश शंकर पाण्डेय (महराजगंज),

विनय शंकर तिवारी (गोरखपुर),

धनंजय सिंह (जौनपुर),

अफजाल अंसारी (गाजीपुर),

मुख्तार अंसारी (वाराणसी) तथा

गोरखनाथ पाण्डेय (भदोही)।

टिकट पाने वालों में प्रदेश के ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह की पत्नी

राजकुमारी चौहान (अलीगढ़),

ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय (फतेहपुर सीकरी),

बसपा विधायक विजय पाल की पत्नी सुनीता सिंह (शाहजहांपुर)

व विधायक जासमीर अंसारी की पत्नी कैसर जहां (सीतापुर) हैं।

सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को कुशीनगर से उतारा गया है।

विधायक अनिल कुमार मौर्य को मिर्जापुर तथा कमला कांत गौतम को मछलीशहर में किस्मत आजमाने को कहा गया है।

नगीना से सुरक्षित सीट से मैदान में उतारे गये राम किशन सिंह सेवानिवृत्त आईएएस हैं।

इलियास आजमी जो पिछली बार शाहाबाद से बसपा सांसद बने थे इस बार लखीमपुर खीरी से किस्मत आजमायेंगे।

पूर्व विधायक आरएस कुशवाहा रायबरेली में सोनिया गांधी का मुकबला करेंगे तो अमेठी में पिछली बार चुनाव लड़ चुके आशीष शुक्ला इस बार फिर राहुल गांधी से टक्कर लेंगे।

पहली बार राजनीति में कदम रखने वाले राजा अयोध्या विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र फैजाबाद से उम्मीदवार बनाये गये हैं।

पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटों विनय शंकर तिवारी को गोरखपुर तथा भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को संतकबीर नगर तथा उनके रिश्तेदार गणेश शंकर पाण्डेय को महराजगंज से टिकट दिया गया है।

टिकट पाने वालों में मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, डीपी यादव, अरुण शंकर शुक्ल अन्ना, रिजवान जहीर, अकबर अहमद डम्पी, मो.ताहिर, धनंजय सिंह तथा कपिल मुनि करवरिया की गणना बाहुबली के रूप में होती है। इसके साथ ही पार्टी ने चौदहवीं लोकसभा के डेढ़ दर्जन सदस्यों पर फिर से दांव लगाया है, इसमें से बारह बसपा के व छह दूसरे दल के हैं। बसपा के जिन सांसदों को फिर से टिकट दिया गया है उनके नाम हैं इलियास आजमी, राजेश वर्मा, अशोक कुमार रावत, मो. ताहिर खान, कमला प्रसाद रावत, लालमणि प्रसाद, मो. मुकीम, भीष्मशंकर तिवारी, अकबर अहमद डम्पी, कैलाश नाथ सिंह यादव, महेन्द्र प्रसाद निषाद तथा अनिल शुक्ला वारसी। दूसरे दलों से आये सांसदों ने के नाम हैं शफीकुर्रहमान बर्क, जयप्रकाश रावत, कीर्ति वर्धन सिंह, अफजाल अंसारी तथा देवेन्द्र सिंह यादव। बसपा के तीन सांसद उमाकांत यादव, भाई लाल कोल रमेश दुबे को टिकट नहीं मिला। एक अन्य सांसद बृजेश पाठक पहले ही राज्यसभा भेजे जा चुके हैं।

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