
साथ ही उन्होंने कहा कि संप्रग व राजग को केंद्र की सत्ता में आने से रोकने के उनके प्रयास में वामपंथी व दूसरे दल भी जी-जान से लगे हैं और उम्मीद है कि इस बार उनकी पार्टी का मकसद जरूर पूरा होगा। बसपा के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन पर यहां पत्रकार वार्ता के दौरान मायावती ने यह कह कर अपनी मंशा साफ कर दी कि कांशीराम की दिली तमन्ना उत्तर प्रदेश की तरह ही केंद्र में भी बसपा की सरकार बनाने की थी। इसीलिए कांग्रेस, भाजपा और उनकी सहयोगी पार्टियों को बसपा इस बार किसी भी कीमत पर सत्ता में नहीं आने देना चाहती।
रात को तीसरे मोर्चे के सभी नेताओं के लिए आयोजित भोज से पहले हुए इस संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने यह भी कह दिया कि राजग-संप्रग को सत्ता से दूर रखने की बसपा की कोशिश में वाम और दूसरे दल भी उसके साथ मुस्तैदी से खड़े हैं। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि इस बार उनका 'मकसद' जरूर पूरा होगा।
चुनाव से पहले ही मायावती को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने को लेकर तीसरे मोर्चे में शुरू से ही मतभेद रहा है। अब बसपा प्रधानमंत्री का नाम चुनाव बाद तय करने पर राजी तो हो गई है, लेकिन परोक्ष रूप से उसने यह संकेत भी दे दिया है कि वह अब भी मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के अपने 'एजेंडे' पर कायम है।
बसपा प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में रात्रिभोज के एजेंडे का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि उनके दिल्ली स्थित नए सरकारी आवास पर मित्र दलों के नेता डिनर पर जुटेंगे। वहां तीसरा मोर्चा व उसके प्रधानमंत्री के नाम पर बात तो नहीं होगी, लेकिन कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग व भाजपा की अगुवाई वाले राजग को केंद्र में सरकार बनाने से रोकने पर विचार-विमर्श जरूर होगा।
यह पूछे जाने पर कि तीसरे मोर्चे में साथ आने पर वाम दलों को उनसे कुछ लोकसभा सीटों की दरकार है? मायावती ने कहा कि मित्र दलों से बातचीत में इस बात पर सहमति बन गई है कि सभी अलग-अलग ही चुनाव लडें़गे। बसपा ने भी किसी दल के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं किया है।
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री पद की प्रबल दावेदारी के बावजूद बसपा का कोई घोषणा पत्र नहीं है, आखिर आर्थिक व अन्य नीतियों पर पार्टी का माडल क्या है? मायावती ने कहा, 'जब केंद्र की सत्ता में आएंगे-तब राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय नीतियां बनाएंगे। जैसे उत्तर प्रदेश में बनाया है।' इस मौके पर उन्होंने लोकसभा चुनाव में बसपा को राष्ट्रीय स्तर पर जिताने के लिए एक अपील भी जारी की और कहा कि चार-पांच दिनों में उत्तर प्रदेश के लिए लखनऊ में अलग से अपील जारी की जाएगी।
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